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कृषि भूगोल (KRISHI BHOOGOL – Agriculture Geography) – Hindi

Majid Husain

कृषि भूगोल (KRISHI BHOOGOL – Agriculture Geography) – Hindi

Majid Husain
15% Special Discount

297.5 350

 
ISBN 9788170335658
Publication Year 2000
Pages 384 pages
Binding Paperback
Sale Territory World

About the Book

प्राचीन काल से ही सम्पूर्ण विश्व में कृषि एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि रही है, जिसके साथ विभिन्न कृषीय प्रणालियों व प्रक्रियाओं को प्रभावित करने वाले कारक व निर्धारक तत्व जुडे़ हुए हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में प्रमुख रुप से कृषि के भौगोलिक-सांस्कृतिक कारकों, कृषीय प्रादेशीकरण,  भोजन, पोषण व स्वास्थ्य, कृषि की विशेषताओं, पर्यावरण एवं हरित क्रांति की विवेचना की गई है। इसके साथ ही यह सामाजिक व सांस्कृतिक आवश्यकताओं के सन्दर्भ में कृषि के बढ़ते हुए आर्थिक व पर्यावरणीय प्रभाव को भी उजागर करती है।
यह पुस्तक भूगोल, कृषि विज्ञान, ग्रामीण विकास व अर्थशास्त्र के अध्यापक व विद्यार्थियों के साथ-साथ उन सभी के लिये जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हुए हैं, उपयोगी सिद्ध होगी।


Contents

कृषि भूगोल एवं उसकी प्रकृति (Nature of Agricultural Geography)
कृषि की उत्पत्ति (Origin of Agriculture)
कृषि एवं प्राकृतिक कारक (Physical Factors and Agriculture)
कृषि एवं सामाजिक-आर्थिक कारक (Socio-Economic Factors and Agriculture)
विश्व की कृषि व्यवस्थाएँ  (Agricultural Systems of the World)
कृषि सांख्यिकी और प्रतिचयन (Agricultural Statistics and Sampling)
कृषीय प्रादेशीकरण (Agricultural Regionalization)
कृषि-भूगोल में प्रतिरूप (माॅडल्स) (Models in Agricultural Geography)
भोजन, पोषण और स्वास्थ्य (Food, Nutrition and Health)
भारतीय कृषि: विशेषताएँ व ग्रामीण विकास कार्यक्रम (Indian Agriculture: Attributes & Rural Development Programmes)
भारत में हरित क्रांति (Green Revolution in India)


About the Author / Editor

माजिद हुसैन, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) के पूर्व प्राध्यापक है। अध्यापन और शोध के प्रति लगाव एवं गहरी प्रतिबद्धता होने के कारण डाॅ. हुसैन को भूगोल की अत्यंत कठिन अवधारणाओं को अति सरल रूप में और बड़े ही तर्कसंगत ढंग से विश्लेषण करने में महारत प्राप्त है।
डाॅ. हुसैन की पुस्तकों, विशेषतः भौगोलिक चिन्तन का इतिहास, मानव भूगोल, विश्व भूगोल एंव भौतिक भूगोल को व्यापक रूप से भारी प्रशंसा मिलने के साथ-साथ भारत में इन्हें पाठ्यपुस्तक और संदर्भ ग्रंथ के रूप में स्वीकार किया गया है।